पीएम आवास योजना में अब 100% महिलाएं होंगी मलिक, क्या है वजह इसके पीछे?
वर्तमान में सरकार का लक्ष्य यह है कि दूसरे चरण में पीएम आवास योजना ग्रामीण के तहत जो भी घर बनाए गए उन घरों का स्वामित्व 100% महिला के हाथों में होना चाहिए। आवास प्लस 2024 नमक एक नए सर्वेक्षण की शुरुआत करते हुए सरकार अब उन लाभार्थियों की पहचान करना चाहती है तथा साथ ही पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए स्व सर्वेक्षण की अनुमति देना चाहती है ।
इसके प्रमुख बिंदु निम्न प्रकार हैं
1 पीएम आवास योजना आवास प्लस 2024 के तहत नए सर्वेक्षण की शुरुआत
2 सर्वेक्षण के माध्यम से 80 लाख लाभार्थियों की होगी पहचान
3 लाभार्थियों की पहचान के लिए 10 मानदंडों का होगा उपयोग
नई दिल्ली
पीएम आवास योजना ग्रामीण के तहत अब दूसरे चरण का सर्वे शुरू हो रहा है। ग्रामीण आवास योजना को अब सशक्तिकरण के हथियार के रूप में बदलते हुए केंद्र सरकार का लक्ष्य गरीबों के लिए बनाए जा रहे घरों का 100% स्वामित्व महिलाओं को सुनिश्चित करना है। प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना के दूसरे चरण में सरकार इस शर्त को अनिवार्य रूप से लागू करेगी कि मकान लाभार्थी परिवार की महिला सदस्य के नाम पर रजिस्टर्ड किया जाए।
महिलाओं को मिलेगा 100 फ़ीसदी मालिकाना हक
पीएम आवास योजना ग्रामीण के सर्वे का लक्ष्य यही है कि महिलाओं को 100 फीसदी मकान का स्वामित्व दिलाना।
प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना में महिला स्वामित्व और संयुक्त स्वामित्व का विकल्प है। जबकि सब्सिडी वाले घरों के निर्माण में पुरुषों के रजिस्ट्रेशन को खारिज कर दिया गया है।
इस मामले में एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा की महिलाओं पर विशेष ध्यान देने का कारण इस योजना में स्वीकृत घरों में से 74% का स्वामित्व अकेले या संयुक्त रूप से महिलाओं के पास है। वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि इस योजना का उद्देश्य दूसरे चरण में महिलाओं को 100% दी स्वामित्व प्रदान करना है।
योजना को पूरे हुए 8 साल
मैं आपकी जानकारी के लिए आपको बता दें कि बुधवार को प्रधानमंत्री आवास योजना को पूरे 8 साल हो गए हैं। इसे माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2016 में आगरा में लॉन्च किया था। महत्वपूर्ण बात यह भी है कि केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय दूसरे चरण के लाभार्थियों की पहचान करने के लिए एक नए सर्वेक्षण आवास प्लस 2024 शुरू कर रहे हैं। इसमें स्वयं सर्वेक्षण का प्रावधान है, ताकि सर्वे करने वाले लोगों की तरफ से छूट गए परिवारों की अक्सर सनी जाने वाली शिकायतों को दूर किया जा सके। इस विकल्प में इच्छुक व्यक्ति फेस बेस्ड ऑथेंटिकेशन के लिए अपनी फोटो और ऐप पर अन्य जानकारी अपलोड करना होगा।
कूल 10 मानदंड होंगे इस सर्वे में
इस सर्वेक्षण में टोटल 10 मानदंड होंगे। इन 10 मानदंड के अनुसार ही कोई व्यक्ति से योजना के तहत पात्र बनेगा।
जब के समय सरकार के पास कुल 1.2 करोड़ लाभार्थियों की सूची है। इस संरक्षण में 2024 से 2024 तक दूसरे चरण के लिए दो करोड़ लक्ष्य को पूरा करने के लिए शेष 80 लाख व्यक्त की पहचान करेगा, हालांकि पहचान के लिए सरप्लस नाम भी भविष्य में सूची में शामिल होंगे। लाभार्थियों की मूल सूची SECC 2011 पर आधारित थी। इसके बाद इसे 2018 में आवास प्लस 2018 सर्वेक्षण के माध्यम से अपडेट किया गया था।
आपको बता दें कि ग्रामीण विकास मंत्रालय ने राज्य को 30 नवंबर तक सर्वेक्षण पूरा करने और 31 दिसंबर तक पात्र परिवारों के लिए आवास स्वीकृत करने का निर्देश दिया है। सरकार ने मकान का निर्माण पूरा करने के लिए एक वर्ष का लक्ष्य रखा है।
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